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पीएम सूर्य घर योजना का धमाका…..गांव को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये, बस लगाओ सोलर पैनल

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राजकोट में स्थित पश्चिम गुजरात विद्युत कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) के मुख्य अभियंता आर.जे. वाला ने एक बड़ी जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सौर ऊर्जा को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए एक खास प्रतियोगिता शुरू की है. इस पहल का नाम है – ‘मॉडल सोलर विलेज प्रतियोगिता’.

सोलर छत से गांव होंगे रौशन
इस प्रतियोगिता का मकसद है – गांवों में ज्यादा से ज्यादा घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवाना ताकि बिजली उत्पादन बढ़े और गांव आत्मनिर्भर बनें. यह प्रतियोगिता 1 अप्रैल 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर 2025 तक चलेगी. इस दौरान सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर सोलर छत लगाने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएंगे.

प्रतियोगिता में गांवों की बड़ी भागीदारी
इस योजना में खास बात यह है कि हर जिले से एक गांव को चुना जाएगा जो सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा पैदा करेगा. ऐसे गांव को केंद्र सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा. पीजीवीसीएल सर्कल के अंतर्गत राजकोट सहित सौराष्ट्र और कच्छ के 12 जिलों के कुल 244 गांव इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं. इनमें से राजकोट के 27, भावनगर के 29 और गिर सोमनाथ के 33 गांव शामिल हैं.

हर गांव में बनी टास्क फोर्स
इस योजना की सफलता के लिए हर गांव में एक टास्क फोर्स बनाई गई है, जिसका नेतृत्व ग्राम पंचायत कर रही है. टास्क फोर्स का काम है – ग्रामीणों को समझाना, जागरूक बनाना और उन्हें सोलर छत लगाने के लिए प्रेरित करना. पीजीवीसीएल की टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को योजना की जानकारी दे रही हैं.

लोगों को समझाया जा रहा है सोलर का फायदा
योजना को सफल बनाने के लिए आउटरीच कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. टीमें घर-घर जाकर लोगों को सोलर ऊर्जा से मिलने वाले बिजली के बिल में कटौती, सरकारी सब्सिडी और पर्यावरण के लाभ के बारे में बता रही हैं. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है और वे इस योजना से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं.

सबसे आगे रहने वाले गांव को मिलेगा खास दर्जा
छह महीने की प्रतियोगिता पूरी होने के बाद हर जिले से सबसे ज्यादा सौर क्षमता वाले गांव को ‘आदर्श सौर गांव’ घोषित किया जाएगा. इसके बाद केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी और सोलर से जुड़ी अन्य योजनाएं शुरू होंगी.

1 करोड़ की राशि गांव के विकास में होगी खर्च
जो गांव विजेता बनेगा, उसे मिलने वाली 1 करोड़ रुपये की राशि सरकारी दफ्तरों में सोलर छत लगाने, कृषि के लिए सोलर पंप, सामुदायिक हॉल में सोलर सिस्टम और आजीविका से जुड़ी परियोजनाओं में खर्च की जाएगी. इससे गांव में न सिर्फ हरित ऊर्जा बढ़ेगी, बल्कि विकास की रफ्तार भी तेज होगी.

गुजरात पहले ही बन चुका है सोलर छत का चैंपियन
गुजरात ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पहले ही देश भर में नाम कमाया है. राज्य ने हजारों घरों में सोलर पैनल लगाकर हरित ऊर्जा उत्पादन में पहला स्थान हासिल किया है. यह सब संभव हुआ है सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और जनता की भागीदारी से. अब यही प्रयास गांवों में भी तेज़ी से हो रहा है.