आतंकियों को मदद देने के आरोप में जम्मू-कश्मीर में दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया. जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में दो सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादी गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में बर्खास्त करने का आदेश दिया. बर्खास्त किए गए इन दो कर्मचारियों की पहचान वरिष्ठ सहायक इश्तियाक अहमद मलिक और सहायक वायरलेस ऑपरेटर बशरत अहमद मीर के रूप में की गई है. वे ऐसी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं.
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में एलजी मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर सरकार के तीन कर्मचारियों को उनकी कथित आतंकवादी गतिविधियों के लिए बर्खास्त करने का आदेश दिया था. इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का एक कर्मचारी शामिल था. इनकी गतिविधियों में हथियारों की व्यवस्था करना, आतंकवादी हमलों के लिए टारगेट प्रदान करना और घाटी में हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा देना शामिल था.
इन तीन सरकारी कर्मचारियों- पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट, शिक्षक मोहम्मद अशरफ भट और वन विभाग के कर्मचारी निसार अहमद खान को भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 2(सी) के तहत सेवाओं से बर्खास्त किया गया था.
उनकी बर्खास्तगी के आदेश पर एलजी ने उस दिन हस्ताक्षर किए थे जब उन्होंने जम्मू में एक सुरक्षा समीक्षा की अध्यक्षता की थी और पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया था. उन्होंने न केवल आतंकवादियों को निष्क्रिय करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा, बल्कि आतंकवाद समर्थकों, मुखबिरों और हिंसा फैलाने वालों को भी खत्म करने के लिए कहा, जो जम्मू-कश्मीर प्रशासन में शामिल हैं.