कोंडागांव/केशकाल:- कोंडागांव जिला क्षेत्र अंतर्गत किसानों ने कलेक्टर को आवेदन पत्र भेजकर जिला सहकारी बैंकों से किसानों को लेन देन के लिए लग रही भीड़ और किसानों को पैसा निकालने में हो रही असुविधा की समीक्षा करके व्यवस्था में सुधार करके व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने की मांग किया है। किसानों ने एस डी एम केशकाल के माध्यम से प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि खेती किसानी का समय आ गया है किसान अपने खेती किसानी के काम के लिए जमा पैसा और कर्ज राशि निकालने के लिए सुबह से बैंक में आकर भीड़ भाड़ में बैठे रहते हैं और घंण्टों रहकर निराश हताश होकर खाली हांथ लौटना पड़ रहा है। कोरोना के संक्रमंण के खतरे के बीच जान जोखिम में डालकर भीड़भाड़ में घंण्टो बैठना पड़ता है । जिला सहकारी बैंक में जमा राशि और ऋंण राशि निकालने के लिए सीमा निर्धारित कर दिया गया है जबकि सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन किसान बैंक पंहुच जा रहे हैं। किसानों को जिला सहकारी बैंक के लेन देन की वर्तमान व्यवस्था के चलते शारीरिक मानसिक तौर पर प्रताड़ित होते बार बार आने जाने के चक्कर में आर्थिक अधिभार भी झेलना पड़ रहा है। किसानों को कलेक्टर से उम्मीद है कि व्यवस्था में आवश्यक सुधार करवाकर व्यवस्था को सुविधाजनक करवायेंगे।
जिला सहकारी बैंक में होने वाली लेनदेन में किसानों को हो रही समस्या का प्रशासन करे निदान
कोंडागांव/केशकाल:- कोंडागांव जिला क्षेत्र अंतर्गत किसानों ने कलेक्टर को आवेदन पत्र भेजकर जिला सहकारी बैंकों से किसानों को लेन देन के लिए लग रही भीड़ और किसानों को पैसा निकालने में हो रही असुविधा की समीक्षा करके व्यवस्था में सुधार करके व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने की मांग किया है। किसानों ने एस डी एम केशकाल के माध्यम से प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि खेती किसानी का समय आ गया है किसान अपने खेती किसानी के काम के लिए जमा पैसा और कर्ज राशि निकालने के लिए सुबह से बैंक में आकर भीड़ भाड़ में बैठे रहते हैं और घंण्टों रहकर निराश हताश होकर खाली हांथ लौटना पड़ रहा है। कोरोना के संक्रमंण के खतरे के बीच जान जोखिम में डालकर भीड़भाड़ में घंण्टो बैठना पड़ता है । जिला सहकारी बैंक में जमा राशि और ऋंण राशि निकालने के लिए सीमा निर्धारित कर दिया गया है जबकि सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन किसान बैंक पंहुच जा रहे हैं। किसानों को जिला सहकारी बैंक के लेन देन की वर्तमान व्यवस्था के चलते शारीरिक मानसिक तौर पर प्रताड़ित होते बार बार आने जाने के चक्कर में आर्थिक अधिभार भी झेलना पड़ रहा है। किसानों को कलेक्टर से उम्मीद है कि व्यवस्था में आवश्यक सुधार करवाकर व्यवस्था को सुविधाजनक करवायेंगे।