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पाकिस्तान के एक-एक झूठ को मिट्टी में मिलाकर लौटे 2 डेलिगेशन, जयशंकर ने किया स्‍वागत

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विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सात मल्‍टी-पार्टी डेलिगेशन में से दो का स्‍वागत भारत लौटने पर किया. विदेशों में पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोलने के बाद लौटे इस डेलिगशन ने विदेश मंत्री से मुलाकात की. पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्‍तान के आतंक परस्‍त सिस्‍टम को ध्‍वस्‍त कर दिया था. इसके बाद पाकिस्‍तान ने दुनिया भर में अपने झूठ का पिटारा खोल दिया था. ऑल पार्टी डेलिगेशन इस झूठ की पोल खोलने के लिए दुनिया भर में गया. हर डेलिगेशन में सात सांसद हैं. जो दो डेलिगेशन लौटे थे उनमें से एक का नेतृत्‍व श्रिकांत शिंदे और दूसरी का सुप्रिया सुले कर रही थी.
क्‍या बोले एस जयशंकर?
श्रिकांत शिंदे की अगुवाई वाला दल अफ्रीकी देशों—जैसे कि सिएरा लियोन, लाइबेरिया, और कांगो—का दौरा कर लौटा. वहीं, एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र जैसे देशों में गया. डॉ. जयशंकर ने कहा कि ये देश भले ही वैश्विक राजनीति में बहुत प्रमुख न दिखें, लेकिन उनका महत्व भविष्य में बढ़ेगा. उन्होंने कहा, “आप जो संदेश वापस लाए हैं, वह देश के लिए बड़ी सेवा है.” दोनों दलों ने विदेश मंत्री को बताया कि किस तरह इन देशों में भारतीय प्रतिनिधियों का स्वागत हुआ और भारत के दृष्टिकोण को गंभीरता से सुना गया.
अफ्रीकी देशों ने दिया भारत का साथ
जयशंकर ने विशेष रूप से शिंदे के दल की प्रशंसा की, जिन्होंने वेस्‍ट अफ्रीकी देश सिएरा लियोन और लाइबेरिया में पुलवामा हमले के शहीदों की स्मृति में मौन रखवाया. यह एक प्रतीकात्मक और भावनात्मक संकेत था कि भारत की पीड़ा को विश्व स्तर पर साझा किया जा सकता है. कई देशों ने भारत से पाकिस्तान से बातचीत की मांग की, जिस पर दलों ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियों के कारण संवाद संभव नहीं. यह संदेश देना आवश्यक था कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आत्मसम्मान और सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकता. प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि भारत को इन देशों के साथ व्यापार, संस्कृति, पर्यटन और मीडिया संवाद जैसे क्षेत्रों में भी सक्रियता दिखानी चाहिए. लाइबेरिया ने भारत में एक वाणिज्य दूतावास खोलने की इच्छा जताई है और व्यापार के लिए रबर व खनिज क्षेत्रों में संभावनाएं खोजने का सुझाव भी दिया गया.