भारत और कतर के बीच बेहद अच्छे संबंध हैं. पिछली बार नेवी के पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भारत के लिए एक डिप्लोमेटिक परीक्षा का सामना करना पड़ा था. अब एक और गिरफ्तारी कतर में हुई है, जो भारत की टेंशन बढ़ा सकती है. गुजरात के वडोदरा के रहने वाले अमित गुप्ता को कतर में हिरासत में रखा गया है. उनके माता-पिता ने आरोप लगाया है कि 1 जनवरी से उनके बेटे को बिना किसी आधिकारिक आरोप के हिरासत में रखा गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कतर में भारतीय मिशन को गुप्ता की गिरफ्तारी के बारे में पता है और उन्हें हर प्रकार की सहायता दी जा रही है.
उनके पिता के मुताबिक कतर की राज्य सुरक्षा ने हिरासत में लिया था. अमित के पिता जगदीश ओएनजीसी के एक रिटायर्ड मुख्य अभियंता हैं. वह तारासाली क्षेत्र के निवासी हैं. शनिवार को उन्होंने वडोदरा सांसद हेमंग जोशी से मुलाकात की और अपने बेटे की रिहाई के लिए उनका समर्थन मांगा. जोशी ने आश्वासन दिया है कि वह हर तरह से उनकी मदद करेंगे.
कौन हैं अमित गुप्ता?
अमित गुप्ता टेक महिंद्रा के वरिष्ठ कर्मचारी हैं. उन्होंने आकांक्षा गुप्ता से शादी की थी, जिसके बाद वह अगस्त 2013 में वह कतर में बस गए थे. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक अप्रैल 2022 में उन्हें टेक महिंद्रा का रीजन हेड नियुक्त किया गया था. उनके पिता ने बताया कि एक रेस्तरां में भोजन करने के बाद अमित को सुरक्षा एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया और एकांत कारावास में भेज दिया गया. अमित के माता-पिता गिरफ्तारी के बाद कतर में गए और एक महीने तक वहां रहे. एक दिन उन्हें सिर्फ आधा घंटा मिलने दिया गया.
क्यों हुई गिरफ्तारी?
अमित गुप्ता के खिलाफ आरोपों की सटीक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन कई रिपोर्ट्स का दावा है कि डेटा चोरी के मामले की जांच के सिलसिले में उन्हें हिरासत में लिया गया है. अमित गुप्ता की मां का दावा है कि उनके बेटे को बिना खाने के 48 घंटे तक रखा गया और फिर एक कमरे में शिफ्ट कर दिया गया, जहां वह तीन महीने से है. एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में अमित की मां ने कहा, ‘कारण अभी तक कुछ भी नहीं पता चला है. कंपनी में किसी ने कुछ प्रॉब्लम किया होगा, क्योंकि वह कंट्री मैनेजर हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.’ उन्होंने आगे बताया कि हर बुधवार को पांच मिनट के लिए कॉल आता है, जो संपर्क का एकमात्र तरीका है.
भारत की डिप्लोमेटिक परीक्षा!
वडोदरा सांसद हेमंग जोशी ने कहा है कि वह इस मामले को दिल्ली में उठाएंगे. कतर ने अमित गुप्ता की गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया है और न ही उनके खिलाफ अभी कोई मामला शुरू किया है. डेटा चोरी की अटकलों की ही मानें तो अगर वह इस मामले में दोषी ठहराए जाते हैं तो उन्हें कतर के कानून के हिसाब से जेल और जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है. यह कितना होगा यह कहना तब तक मुश्किल है जब तक सटीक मामले का पता न चले. कतर के कानून में शरिया सिद्धांतों का मिश्रण है, जो इसे और भी सख्त बनाता है. हालांकि यह भारत के लिए कतर में एक नई डिप्लोमेटिक परीक्षा है. 2022 में कतर ने भारतीय नेवी के आठ अधिकारियों को कथित जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया था. 2023 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी. 2024 में भारत के राजनयिक प्रयासों के बाद इन्हें रिहा कर दिया गया. गुप्ता को हिरासत में लेना 2022 के बाद से कतर में भारतीय नागरिक से जुड़ा दूसरा हाई प्रोफाइल मामला है. जिस तरह भारत ने फांसी की सजा पाए अधिकारियों के मामले में अपनी डिप्लोमेटिक ताकत का प्रदर्शन किया, संभव है कि भारत इसमें भी हस्तक्षेप करे और मामले को जल्द से जल्द सुलझाए.