अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस दुर्घटना के बाद एयर इंडिया भी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की रडार पर आ गई है. एयर इंडिया पर पहले भी विमानों का सही रखरखाव न करने और आवश्यक जांच में लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहे हैं. अहमदाबाद हादसे के बाद अब डीजीसीए ने एयर इंडिया को बोइंग 787-8 और 787-9 (Genx इंजन वाले) की उड़ान से पहले अच्छी तरह जांच-पड़ताल करने और जांच में मिली खामियों की जानकारी नियामक को देने का निर्देश दिया है.
डीजीसीए द्वारा 13 जून को जारी एक पत्र के अनुसार, 15 जून 2025 से एयर इंडिया को हर उड़ान से पहले एक बारफ्यूल सिस्टम और उससे जुड़े सिस्टम, केबिन एयर कंप्रेसर, इंजन कंट्रोल सिस्टम, इंजन के फ्यूल एक्ट्यूएटर और ऑयल सिस्टम, हाइड्रोलिक सिस्टम और हर टेक-ऑफ से पहले जरूरी आंकड़ों की जांच करनी होगी.
डीजीसीए के आदेश में कहा गया है कि हर ट्रांजिट के दौरान फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की जांच भी अगले आदेश तक लगातार करनी होगी. इसके अलावा बोइंग 787-8 और 787-9 की पावर से जुड़ी एक जरूरी जांच दो हफ्ते के अंदर पूरी करनी होगी. पिछले 15 दिनों में इन विमानों में जो भी खराबियां बार-बार सामने आई हैं, उनकी जांच कर जल्द सुधार करने का आदेश डीजीसीए ने दिया है. इन सभी जांचों की रिपोर्ट एयर इंडिया को भेजनी होगी.
दो साल पहले किए थे झूठे दावे
वर्ष 2023 डीजीसीए द्वारा किए गए एक निरीक्षण जांच में एयर इंडिया की आंतरिक सुरक्षा ऑडिट प्रक्रियाओं में गंभीर खामियां पाई गई थीं. अब इन खामियों को हालिया विमान हादसे की जांच का हिस्सा बना लिया गया है. एयर इंडिया ने कम से कम 13 ऑडिट रिपोर्ट्स में झूठे दावे किए थे. ये रिपोर्ट्स मुंबई, गोवा और दिल्ली एयरपोर्ट्स पर की गई थीं और इनका संबंध कैबिन निगरानी, रैम्प सेवा, कार्गो संचालन और लोड जांच जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्रों से था.