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पुंछ और राजौरी में पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, बिल से निकाले जाएंगे आतंकवादी, 60 घरों में तलाशी

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पहलगाम की बैसरन घाटी में धर्म पूछकर नरसंहार करने की घटना के बाद से आतंकवादियों को ठिकाने लगाने की मुहिम तेज कर दी गई है. ऑपरेशन सिंदूर लॉन्‍च कर भारत ने पीओके और पाकिस्‍तान में मौजूद आतंक‍ियों के अड्डों को तबाह कर दिया. इसके बाद भी जब पाकिस्‍तान की अक्‍ल ठिकाने नहीं आई तो इंडियन आर्म्‍ड फोर्सेज ने आतंकियों के आका के 11 सैन्‍य बेस को तबाह कर दिया. भारत के प्रचंड प्रहार के बाद पाकिस्‍तान घुटनों पर आ गया और सीजफायर करने की गुहार लगाने लगा था. भारत अपनी शर्तों पर इसके लिए सहमत हुआ. साथ ही भारत ने यह भी साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्‍म नहीं हुआ है, बल्कि फिलहाल के लिए इसे रोका गया है. दूसरी तरफ, जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकवादियों को चुन-चुन कर उन्‍हें खत्‍म करने का सिलसिला लगातार जारी है. अब पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस ने बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है. पिछले 48 घंटों में इसमें तेजी आई है. अभी तक 60 से ज्‍यादा घरों की तलाशी की जा चुकी है.

जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लॉन्‍च किया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी कमांडरों और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक व्यापक अभियान की शुरुआत पिछले हफ्ते की है. अब इस अभियान के तहत पिछले 48 घंटों में तेज़ी देखी गई है. राजौरी और पुंछ जिलों में 60 से ज्‍यादा घरों की तलाशी ली गई है. फिलहाल राज्‍य पुलिस की ओर से लॉन्‍च यह अभियान जारी है और आतंकवादियों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है. स्‍थानीय पुलिस आतंकवादियों को उनके बिल से निकालने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इसमें काफी सफलताएं भी मिली हैं.

कई अहम सुराग मिलने का दावा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई आतंकवाद के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने और स्थानीय सहयोगियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने के उद्देश्य से की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के दौरान कई अहम सुराग और आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है. यह ऑपरेशन पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी नेतृत्व द्वारा जम्मू-कश्मीर में गतिविधियों को संचालित करने की कोशिशों को रोकने की दिशा में एक निर्णायक कदम की शुरुआत है. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्‍तान की ओर से गोलाबारी की गई थी. इसमें काफी नुकसान भी हुआ था. बॉर्डर के करीब होने की वजह से इन इलाकों में अक्‍सर ही आतंकवादी घुसपैठ करते हैं और‍ फिर फैल जाते हैं.

आतंकियों के हमदर्द पर एक्‍शन

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राज्य सरकार के तीन कर्मचारियों को आतंकवादी संगठनों से संबंधों के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया है. यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत की गई है, जो सरकार को ऐसे मामलों में जांच के बिना सीधे बर्खास्त करने का अधिकार देता है. जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था, उनमें मलिक इश्फाक नसीर (जो पुलिस में कांस्टेबल थे) अजाज अहमद (जो स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक थे) और वसीम अहमद खान (जो सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर में जूनियर असिस्टेंट थे) शामिल हैं.