राजस्थान के बीकानेर जिले की ट्रैफिक पुलिस के सामने नई चुनौती आ खड़ी हुई है. यहां ट्रैफिक पुलिस ने हाल में कुछ वाहनों का चालान किया तो पता चला कि इन लगी नंबर प्लेटें फर्जी हैं और पिकअप पर लगी ये नंबर प्लेट असर में एक ट्रेलर की हैं, जो कई महीने से गुजरात में है. इस तरह के मामले देश में अक्सर सामने आते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि वाहन पर फर्जी नंबर प्लेट लगाना असल में कितना बड़ा अपराध है. अगर भारतीय कानून को थोड़ा गहराई से देखें तो पता चलता है कि फर्जी नंबर प्लेट लगाना एक तरह से गैर इरादतन हत्या करने जैसा ही संगीन जुर्म है.
भले ही दोनों तरह के अपराधों की श्रेणी और प्रकृति अलग-अलग है, लेकिन इसमें मिलने वाली सजा एक दूसरे से काफी मेल खाती है. भारत में गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगाना गैर-कानूनी है और इसके लिए सजा का प्रावधान है. यह मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (Motor Vehicles Act, 1988) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अपराध माना जाता है. इसका मतलब है कि फर्जी नंबर प्लेटें लगाना एक तरह से भारतीय दंड संहिता के तहत भी एक अपराध माना जाता है.
क्या कहता है मोटर व्हीकल कानून
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39 के तहत प्रत्येक मोटर वाहन का पंजीकरण अनिवार्य है और पंजीकृत वाहन पर सही और वैध नंबर प्लेट लगाना भी जरूरी है. फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग गलत पंजीकरण या धोखाधड़ी के अंतर्गत आता है, जिसके लिए सजा हो सकती है. कानून की धारा 177 के तहत सामान्य उल्लंघन के लिए पहली बार 500 रुपये तक का जुर्माना और बाद में 1,500 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, लेकिन फर्जी नंबर प्लेट का मामला गंभीर होने पर अन्य धाराएं भी लागू हो सकती हैं.
भारतीय दंड संहिता में क्या प्रावधान
आईपीसी की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी और फर्जी तरीके से दूसरे की नंबर प्लेट हासिल करने पर 7 साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है. गैर इरादतन हत्या में भी 7 साल तक सजा का प्रावधान है. आईपीसी की धारा 468 के तहत जालसाजी (फर्जी दस्तावेज या नंबर प्लेट) के लिए 7 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है. आईपीसी की धारा 471 के तहत फर्जी दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करने पर भी सजा हो सकती है, जो धारा 468 के समान ही है.
मोटर वाहन एक्ट का नया नियम और सख्त
मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) 2019 ने नियमों को और सख्त किया है. अब फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग करने पर वाहन जब्ती, लाइसेंस निलंबन और भारी जुर्माना (कई हजार रुपये तक) हो सकता है. गंभीर मामलों में अगर फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग किसी अपराध (जैसे चोरी, तस्करी, या आतंकवादी गतिविधि) के लिए किया गया है, तो सजा और सख्त हो जाएगी. नए कानून के तहत 500 रुपये से लेकर कई हजार रुपये तक जुर्माना अपराध की गंभीरता के आधार पर लगाया जा सकता है. इसमें धोखाधड़ी या जालसाजी सिद्ध होने पर 7 साल तक की सजा हो सकती है. फर्जी नंबर प्लेट के साथ पकड़े जाने पर वाहन को जब्त किया जा सकता है. साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.