कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी की अध्यक्षता में अरपा सभा कक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने मौसमी बीमारियों खास कर बरसात के मौसम में जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कार्य योजना बनाकर सतर्क रहने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को दिए। उन्होनें एएनसी पंजीयन एवं जांच तथा प्रसव के दौरान शिशु-मातृ मृत्यु दर को शून्य की स्थिति में लाने के लिए शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने और हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के प्रकरणों में विशेष ध्यान देने कहा। उन्होंने गर्भवती महिलाओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण तथा आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड दवाओं का वितरण के साथ ही उसका उपयोग भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में किशोरी बालिकाओं का एच बी जांच एवं सिकलसेल जांच कराने तथा स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं, लक्षण और सावधानी अपनाने से संबंधित पांपलेट तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण कराने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से पोषण पुनर्वास केन्द्र में गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ाने, बेहतर देखरेख और पोषण स्तर में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुष्मान कार्ड की समीक्षा के दौरान पाया कि जिले में लगभग 49 हजार लोगों का आयुष्मान कार्ड बनना शेष है, इस पर कलेक्टर ने कड़ा रूख अपनाते हुए सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को आगामी जून माह का शैड्यूल बनाकर विशेष शिविर लगाने और शिविर की जानकारी देते हुए वय वंदना योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शामिल करते हुए छूटे हुए सभी लोगों का शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आयुष्मान कार्ड में प्रगति नहीं लाने पर खण्ड चिकित्सा अधिकारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी।
कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति की जाने वाली दवाओं की एक्सपाइरी डेट की अच्छी तरह जांच करने, स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण एवं चश्मा वितरण तथा चश्में का उपयोग सुनिश्चित करने के कहा। उन्होने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु), मलेरिया नियंत्रण, क्षय उन्मूलन, कुष्ठ उन्मूलन, अंधत्व निवारण, सिकलसेल स्क्रीनिंग, वधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण, मानसिक स्वास्थ्य, डायलिसिस, डायबिटीज, एनसीडी आदि कार्यक्रमों की विकासखण्डवार समीक्षा की और टीम वर्क के साथ कार्य करते हुए लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. देवेन्द्र पैकरा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक विभा टोप्पो, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अमित सिन्हा, सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।