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क्‍या आपने भी ले रखे हैं दो होम लोन? कर लें यह काम, कम भरना पड़ेगा ब्‍याज, मैनेज करना भी होगा आसान

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होम लोन (Home Loan) आज घर खरीदने के लिए पैसों का जुगाड़ करने का सबसे बड़ा जरिया बन चुका है. कई लोगों के पास एक से ज्‍यादा घर भी है. रेंटल इनकम या प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि के कारण होने वाला प्रॉफिट लेने को भी कुछ लोग दूसरा घर ले लेते हैं. अगर आपके भी एक साथ दो होम लोन चल रहे हैं और आपको इन्‍हें मैनेज करने में कठिनाई हो रही है, तो आपको दो होम लोन को एक में बदलवा लेना चाहिए. इससे आपको ब्‍याज भी हो सकता है कि कम देना पड़े और ईएमआई चुकाने में भी आसानी रहेगी.

लोन के आकार, रिपेमेंट टेन्योर और क्रेडिट स्कोर के आधार पर हर होम लोन की ब्याज दर भी अलग-अलग होती हैं. अगर दोनों होम लोन एक ही बैंक से है तो परेशानी और बढ़ जाती है. क्योंकि एक लोन के रिपेमेंट में देरी या डिफॉल्ट होने से दूसरे लोन पर नकारात्‍मक असर पड़ता है. इन सब परेशानियों को देखते हुए ही एक से ज्‍यादा होम लोन लेने वाले लोन क्‍लब कर लेते हैं. अगर आप दो अलग होम लोन को सिंगल होम लोन में तब्दील करना चाहते हैं, तो लोन कंसोलि़डेशन विकल्प की मदद से ऐसा कर सकते हैं.

ऐसे करें क्‍लब
आप होम लोन बैलेंस ट्रांसफर ऑप्शन का इस्तेमाल करके दो होम लोन को सिंगल में कंसोलिडेट कर सकते हैं. आजकल लगभग हर बैंक में यह सर्विस उपलब्‍ध है. हां, बैंक आपकी साख (creditworthiness) और लोन एलिजिबिलिटी का आकलन करेगा. लोन ट्रांसफर करने के लिए मौजूदा बैंक से सहमति भी लेनी होगी. आपका नया बैंक पुराने बैंक को आपके होम लोन बंद करने के लिए बकाया राशि का भुगतान कर देगा और दो लोन की जगह एक ही नया लोन आपको दे देगा.

लोन टॉप-अप
दो होम लोन को एक में तब्‍दील करने का एक और तरीका किसी एक लोन पर टॉप अप लोन सुविधा लेकर एक होम लोन को चुकता करना है. यह आपकी एक प्रापर्टी को ऋण मुक्‍त (debt-free) कर देगा. हालांकि यह तभी संभव है जब आपके पास मौजूदा होम लोन में से किसी एक में पर्याप्त टॉप-अप लोन राशि की पात्रता हो. इस तरह की सर्विस के जरिए लोन कंसोलिडेट करके आप लंबी अवधि में बहुत सारा ब्याज और रिपेमेंट टेन्योर बचा सकते हैं.

इन बातों का रखें ख्‍याल
लोन कंसोलि़डेशन विकल्प का इस्‍तेमाल करने से पहले आपको अपने क्रेडिट स्‍कोर की जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए. क्योंकि यह लोन एलिजिबिलिटी और इंटरेस्ट रेट को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाता है. इसके अलावा अपनी रिपेमेंट कैपेसिटी का आकलन करने के लिए इनकम, खर्च और मौजूदा कर्ज का आंकलन भी अच्‍छे तरीके से करें. बेहतर शर्तों के साथ कम इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने के लिए अलग-अलग बैंकों के लोन की तुलना करें.