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गोधन न्याय योजनांतर्गत आर्थिक तरक्की के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाने में जुटी समूह की महिलाएं

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गोधन न्याय योजना से महिलाओं को मिला रोजगार 

गोधन न्याय योजना से आने वाले समय में समूह की महिलाओं को मिलेेगे बड़े लाभ 

नारायणपुर 27 दिसम्बर 2020

कोविड-19 के कारण देश-दुनिया का जन-जीवन प्रभावित हुआ लेकिन अगर कोई एक बात प्रभावित नहीं हुई, तो वो थी मुख्यमंत्री श्री बघेल की पशुपालक ग्रामीणों एवं किसानों के प्रति संवेदनशील मानसिकता और किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में उनकी जिद। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन के संरक्षण, सवंर्धन और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गोधन न्याय योजना की शुरुआत की है। नारायणपुर जिले के स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपने आर्थिक संबलीकरण के लिए बुलंद हौसलों के साथ वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के काम में जुटी हुई है। महिलाएं अपने तथा अपने परिवार के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने तथा जैविक उपज को बढ़ावा देने के लिए लगन के साथ लगी हुई है। इन महिलाओं को समूहों में जोड़कर विविध गतिविधियों से जोड़ा गया है तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने प्रशिक्षण भी दिया गया है। नारायणपुर विकासखंड के ग्राम भाटपाल के स्व-सहायता समूह की महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट बनाने के कार्य से जोड़ा गया है। बिहान के तहत गठित समूह की महिलाएं उत्साह के साथ गौठानो में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का कार्य कर रही हैं।
भूपेश सरकार की महती योजना गोधन न्याय योजना अब महिलाओं के लिए आय का जरिया साबित हो रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीद कर उसी गोबर से महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर तैयार कर रही हैं। गोधन न्याय योजना की समिति प्रबंधन एवं महिला स्व सहायता समूह की सदस्यों के द्वारा 2 रूपये प्रति किलो गोबर खरीद कर अब उसी गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाना शुरू कर दी है। महिलाओं ने कहा कि वे इस योजना का लाभ ले रही हैं और यह योजना उनके लिए वरदान साबित हो रही है। कभी रोजगार के लिए ईधर-उधर भटकने वाली गरीब महिलाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलने लगा है।
महिलाएं अब खुद के पैर में खड़ी होकर वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करने में जुट गई हैं। आर्थिक रूप से वह मजबूत तो होंगी, साथ ही उन्हें रोजगार का एक सुनहरा अवसर मिल रहा है। गौठानों में खरीदे गये गोबर से बड़ी मात्रा में वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का काम महिलाएं मिलकर कर रही है। यह योजना उनके लिए एक वरदान साबित हो रहा है। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि समूह के द्वारा बिहान योजना की महिलाएं इस योजना को एक आय का स्रोत बनाकर अपना जीविकोपार्जन करेंगे। उनका कहना है कि वे अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेंगे कि गोधन न्याय योजना के तहत जुड़े ।