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एयर इंडिया और विस्तारा का मर्जर होगा इसी साल, 7000 कर्मचारियों के लिए बना ये प्लान

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एयर इंडिया  और विस्तारा एयरलाइन का मर्जर इसी साल पूरा हो जाएगा. टाटा ग्रुप की इन दोनों एयरलाइन के सीईओ ने सोमवार को मिलकर इस संबंध में प्लान फाइनल किया है. इसके अलावा दोनों सीईओ ने कर्मचारियों के साथ लंबी टाउनहॉल मीटिंग भी की है. इसमें इस मर्जर को लेकर कर्मचारियों को भरोसे में लेने का प्रयास किया गया. साथ ही लगभग 7000 कर्मचारियों के भविष्य को लेकर भी प्लान फाइनल किया गया है. इनके रोल के बारे में भी जानकारी दी गई. एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइन में कुल मिलाकर 23,500 कर्मचारी हैं.

7000 कर्मचारियों को फिटमेंट के तहत काम सौंपे जाएंगे

एयर इंडिया के सीईओ एवं एमडी कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) और विस्तारा एयरलाइन के सीईओ विनोद कन्नन (Vinod Kannan) ने बताया कि मर्जर के बाद हमारे पास संसाधन बढ़ेंगे. साथ ही दुनिया के कई रूट पर हम अपनी सेवाएं दे सकेंगे. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि लगभग 7000 कर्मचारियों को फिटमेंट के तहत विभिन्न काम सौंपे जाएंगे. इनका फिटमेंट जून के अंत तक पूरा हो जाएगा. इनके रोल भी साथ ही साथ तय किए जाएंगे. इस काम में पारदर्शिता रखने के लिए एक ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म की मदद भी ली जाएगी. इसमें इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा.

नए स्ट्रक्चर में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा

आर्गेनाईजेशन स्ट्रक्चर को आगामी योजनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा. दोनों सीईओ ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि नए स्ट्रक्चर में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा. रोल तय करते समय योग्यता और दक्षता ही पैमाना होगा. संयुक्त एयरलाइन की वजह से स्टाफ को भी स्थिरता मिलेगी.

सिंगापुर एयरलाइन्स की एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी

इस मर्जर के बाद एक विशाल एयरलाइन बनकर तैयार होगी. डील पूरी होने के बाद सिंगापुर एयरलाइन्स (Singapore Airlines) की एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी. सिंगापुर एयरलाइन्स और टाटा ग्रुप ने मिलकर विस्तारा एयरलाइन को जन्म दिया था. आने वाले दिनों में ऐसी कई टाउनहॉल मीटिंग आयोजित की जाएंगी ताकि किसी भी कर्मचारी के मन में मर्जर को लेकर कोई शंका नहीं रहे. इस मर्जर को फिलहाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अनुमति का इंतजार है. टाटा ग्रुप ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया का अधिग्रहण साल 2022 में किया था.